दुर्लभ कश्यप : आज की इस लेख में हम लोग उज्जैन के सबसे बड़े गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप के बारे में जानेंगे। दुर्लभ कश्यप उज्जैन के एक नामी गैंगस्टर है जोकि पूरी तरह से फेमस है। इस लेख में हम लोग Durlabh Kashyap Biography in Hindi, दुर्लभ कश्यप का जीवन परिचय, दुर्लभ कश्यप विकिपीडिया इन हिंदी, दुर्लभ कश्यप का परिवार, दुर्लभ कश्यप की हत्या कैसे हुई तथा दुर्लभ कश्यप से जुड़ी सभी प्रकार की जानकारी जाने वाले हैं।
दोस्तों वैसे तो उस दिन हो महाकाल की नगरी कहा जाता है लेकिन वहां एक बहुत बड़ा फेमस गैंगस्टर पैदा हो गया था जो कि काफी कम उम्र में बहुत सारा फेमस हो गया था। आपको बता दें कि मात्र 20 साल में दुर्लभ कश्यप ऐसे ऐसे खतरनाक कामों को अंजाम देता था जिसकी कल्पना करना मुश्किल हो जाता था।
महज 20 साल का लड़का दुर्लभ कश्यप के ऊपर सिर्फ 18 से 20 साल 2 साल के अंदर ही उनके ऊपर बहुत सारे अपराधिक मामले दर्ज किए गए थे। क्योंकि वे बहुत अलग ढंग से और अलग तरीकों से लोगों को मारने का काम किया करता था।
महज 20 साल की उम्र में ही दुर्लभ कश्यप ने बहुत सारी जुर्म को अंजाम दिया था। जैसे कि लूटपाट, चोरी, गैंगवार, सुपारी लेना है इत्यादि शामिल है। लेकिन जैसा कि आप सभी को पता होगा कि गलत कामों का अंजाम हमेशा गलत ही होता है। और इसी कारण से बहुत ही कम उम्र में दुर्लभ कश्यप की हत्या हो जाती है। आदि की एक लेख में हम Durlabh Kashyap Biography in Hindi Wikipedia के बारे में और अधिक जानकारी देंगे।
Durlabh Kashyap Biography in Hindi
नाम | दुर्लभ कश्यप |
फेमस नाम | कोहिनूर |
कार्य | आपराधिक कार्य करना |
जन्म तिथि | 08 नवम्बर 2000 |
जन्म स्थान | अलप्पुवा केरल |
आयु | 20 (2020) |
पता | उज्जैन, मध्यप्रदेश, इंडिया |
धर्म | हिन्दू |
माता का नाम | पद्यमा |
पिता का नाम | मनोज कश्यप |
हत्या | 06 सितम्बर 2020 |
18 नवंबर 2000 ईस्वी में जन्मे दुर्लभ कश्यप एक बहुत से साधारण ही गरीब परिवार से थे। उनके पिताजी एक कारोबारी थे और उनके माताजी एक शिक्षक के रूप में कार्य करते थे।
दूल्हा कश्यप का का जन्म केरल राज्य में हुआ था लेकिन उस कानों के वजह से उनके माता-पिता हैं और दुर्लभ कश्यप के साथ उज्जैन में रहने चले गए थे।

वैसे तो उनकी माताजी शिक्षक होने के नाते दुर्लभ कश्यप को हमेशा अच्छी अच्छी बातें सिखाते थे। उनके माताजी चाहते थे कि दुर्लभ कश्यप बड़ा होकर एक अच्छा सा डॉक्टर इंजीनियर बने। और इसी कारण से दुर्लभ कश्यप कोई स्कूल भी पढ़ने के लिए भेजा करती थी लेकिन उन्हें क्या पता था कि दुर्लभ कश्यप 1 दिन इतना बड़ा गैंगस्टर बन जाएगा कि लोग उनसे डरेंगे और उनसे क्षमा मांगेंगे।
Durlabh Kashyap Wikipedia in Hindi
दोस्तों दुर्लभ की जिंदगी शुरुआत से ही नहीं थी मतलब यह है कि वह पहले से अपराधी नहीं था। उन्हें कुछ ऐसे लोगों को साथ मिला जो अपराधिक मामलों में कार्य करते थे। दुर्लभ भी लगातार छोटे-छोटे मासूम गैंगस्टर के साथ रहकर यह भी इस तरह के कार्य करने के लिए आगे बढ़ते चले गए।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दुर्लभ कश्यप शुरुआत से ऐसा नहीं था वह शुरू में एक अच्छा नॉर्मल जीवन जी रहा था। लेकिन जब वह 15 साल से ऊपर के हुआ तो वह कुछ असामाजिक लोगों के साथ मिलकर रहने लगे थे यही कारण है कि वह भी उन लोगों के साथ बुरे कामों को करने के आदी हो चुके थे।
धीरे-धीरे उनका अपराध करने का शौक इतना ज्यादा बढ़ गया था कि वह अपने आप को उस एरिया का सबसे बड़ा डॉन समझने लगा था। वहां की सभी लोग उन से डरने लगे थे और किसी भी काम को करने के लिए दुर्लभ कश्यप का सहारा लेने लगे थे। इसी तरह से कार्य आगे चलता किया और दुर्लभ कश्यप का गैंग आगे बढ़ता गया।
अंत में ऐसा समझ आया कि उस एरिया में सिर्फ दुर्लभ कश्यप का नाम ही काफी हुआ करता था किसी भी काम को करवाने के लिए। एक दुर्लभ कश्यप अपने आप को इतना ज्यादा खतरनाक अपराधी के रूप में लोगों के मन में बैठ गया था कि लोग उनसे खौफ खाने लगे थे।
दुर्लभ कश्यप का परिवार
आपको बता दें कि दुर्लभ कश्यप के पिताजी एक साधारण व्यापारी थे। और उनके माताजी एक शिक्षक थे जो किसी स्कूल में कार्यरत थे। आपको बता दें कि दुर्लभ कश्यप का पिता जी का नाम मनोज कश्यप था और उनके माता जी का नाम पदमा था।
दुर्लभ कश्यप का जन्म 8 नवंबर 2000 को एक साधारण हिंदू परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता उन पर बहुत ज्यादा आश्रित थे क्योंकि परिवार के वह एक ही बेटा था। यही कारण है कि दुर्लभ खुशियों को शुरुआत से ही ज्यादा प्यार दुलार मिला करता था अपने माता-पिता से।
दुर्लभ कश्यप का शौक सबसे पहले बिल्ली पालना था लेकिन बाद में इतने बड़े-बड़े अपराधिक मामलों को अंजाम देने लगा कि लोग उनके नाम ऐसे ही डरने लगे थे। बाद में धीरे-धीरे उनका शौक ही बदल गया बाद में जब वह अपराधिक मामलों को अंजाम देने लगा था तब हुआ हमेशा आंखों में काजल माथे पर लाल दाग और गले में काला दुपट्टा लिए घूमता था यह दुर्लभ कश्यप का पहचान हो गया था।
दुर्लभ कश्यप की शुरुआती जिंदगी
दुर्लभ की पिताजी कहते हैं कि मैं दुर्लभ को एक अच्छा सा नागरिक बनाने का प्रयास कर रहा था लेकिन ना जाने कितना जल्दी वह किसी अन्य रास्तों में चलकर बहुत ही जल्दी बुरा कामों को पकड़ लिया था। और वह जिन कामों को पकड़ा था वह काम ऐसा था कि ना उससे कोई बाहर निकल सकता था और ना ही बाहर निकल कर सकता था।
15 साल की उम्र होने के बाद वह कुछ अपराधिक मामलों को अंजाम देने लगा था और उनका एग्जाम देने का अंदाज ही कुछ अलग था। हुआ जब भी किसी क्राइम को अंजाम देता था तो सबसे पहले फेसबुक पर अपडेट करता था और अपने नाम से फेसबुक केस बनाया हुआ था उसमें तरह-तरह की जानकारी और फिरौती के कार्य को अंजाम दिया करता था आगे आपको दुर्लभ कश्यप से जुड़ी बहुत सारी जानकारी प्राप्त होगी क्योंकि आज के इस पोस्ट में हम दुर्लभ कश्यप बायोग्राफी इन हिंदी के बारे में पढ़ रहे हैं।
दुर्लभ कश्यप गैंगस्टर कैसे बना
जैसा कि आप सभी को पहले ही बताया गया है कि दुर्लभ कश्यप को डॉन बनने के लिए ज्यादा दिन का होता नहीं लगा था वह महज कुछ ही दिनों में लोगों के दिलों पर डर का माहौल बना लिया था। वह अपने आपको एक हिस्ट्रीशीटर के तौर पर ज्यादा नाम कमाना चाहता था और बहुत ही जल्द वह पूरे इलाकों में अपना दबदबा कायम करने में कामयाब हो गया।
उनकी गैंगस्टर बनने की कहानी बहुत ज्यादा बड़ी नहीं है क्योंकि उनकी उम्र ना तो ज्यादा बड़ी थी और ना ही उन्हें जीवन जीने की कला में ज्यादा अनुरोध है। हुए जिस प्रकार के दोस्तों के साथ रहा जैसा ही काम करता है गया और अंतिम में उनका भी अंजाम बहुत बुरा हुआ।
जब वह इन सभी कामों करने के लिए अपने दोस्तों के साथ मिला करता था तब उनकी उम्र 15 साल थी और महज 3 साल में मतलब कि जब उसका 18 साल का था तो वह काफी गिने-चुने अपराधी में दुर्लभ कश्यप का नाम आया करता था। हालांकि उस एरिया में वह बहुत सारे छोटे-छोटे बच्चों को अपने गैंग में शामिल किया था जो कि अभी नाबालिग ही था और दुर्लभ कश्यप भी कोई ज्यादा बड़ा नहीं था।
जैसे-जैसे समय बीतता गया वहां जुर्म के दुनिया का बादशाह बनता गया। इस जीवन के साथ दिन प्रतिदिन अधिक से अधिक लड़के ज्वाइन करते गए हैं और वह अपनी गेम में ज्यादातर लड़कों को अपने साथ रखा करते थे। एक जानकारी में यह पता चला है कि उनके साथ जो गैंगस काम करता था उन सभी लड़कों का उम्र भी 18 साल से कम था और यह भी जुर्म की दुनिया में जुर्म करने के लिए माहिर खिलाड़ी हुआ करते थे।
इन्हीं कारणों की वजह से दिन-प्रतिदिन दुर्लभ कश्यप का दुश्मन बढ़ता गया। और इसी प्रकार से वह आगे अपने काम को अंजाम देने लगा था। बाकी अन्य गैंग स्टार एएए विपरीत उनका कार्य करने का तरीका अलग था। वे अपने फेसबुक पर गैंगस्टर के रूप में अपने आप को व्यतीत करते थे ताकि लोग उन्हें अपनी कामों को करवाने के लिए पैसे दे सके।
दुर्लभ कश्यप की पहचान
आपको जानकारी हैरानी होगी कि मांसाहारी साल के लड़कों से उस शहर और पूरे उज्जैन में छोटा से लेकर बड़ा कारोबारी, छोटा से लेकर बड़ा बदमाश या तो छोटा से लेकर बड़ा आदमी सभी लोग उनके नाम से डरते थे। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह 18 साल की उम्र में कितनी ज्यादा है क्राइम कर चुके थे कि लोग उनके नाम से थर थर कांपने लगते थे।
इतनी कम उम्र में इतना बड़ा गैंग और इतना ज्यादा खतरनाक काम करना कोई आसान काम नहीं होता है। और उनके साथ जो लड़के जुड़ते गए वह आगे चलकर अपनी गैंग को सबसे बड़ा बना लिया। कुछ समय बाद दुर्लभ कश्यप के गैंग में एक सौ से ज्यादा लड़के शामिल हो गए थे और वह उस समय का पूरे एरिया का सबसे बड़ा डॉन हुआ करता था।
आपको बता दिया कि दुर्लभ कश्यप अपने पहनावे की स्टाइल से काफी ज्यादा फेमस रहते थे। क्योंकि वह हमेशा अपनी खास ड्रेस का ख्याल रहा करता था वह हमेशा माथे पर लाल दा आंखों में सुरमा काजल तथा गले में हमेशा काला दुपट्टा रहा करता था। आगे चलकर यही ड्रेस कोड दुर्लभ कश्यप का पहचान बन गया था।
दुर्लभ कश्यप अपराध करने का तरीका
क्या आपको पता है कि दुर्लभ कश्यप का काम करने का स्टाइल कैसा था। आपको बता देगी उनका सुपारी लेने का स्टाइल बहुत अजीब था वह सीधे फेसबुक पर तरह तरह के पोस्ट लिखते थे और खुलेआम अपने आप को हिस्ट्रीशीटर के नाम से फेमस होने के लिए बहुत कुछ फेसबुक पर लिखा करते थे।
उनके काम करने की स्टाइल के बारे में कहां जाए तो उनका काम करने का स्टाइल बहुत ही अलग था। क्योंकि जहां लोग बुरे कामों को छिपा कर किया करते थे वहां दुर्लभ कश्यप सभी लोगों को बताकर अपराधिक मामले को अंजाम दिया करता था।
उनका काम करने का स्टाइल और अपराध करने का स्टाइल डिजिटल था वह ज्यादातर फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए अपनी क्राइम को अंजाम दिया करता था। वह अपने क्लाइंट से फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए मिला करता था और जिनको जो काम है वह फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए ही दुर्लभ कश्यप को काम दिया जाता था।
धीरे-धीरे वह एरिया के सबसे बड़े और शक्तिशाली गैंग बनाते गए और अपने एरिया में लोगों पर दाहोद समाते गए। दुर्लभ कश्यप इतना ज्यादा दुश्मन बना दिया था क्यों नहीं आपके लिए जाना आना भी खतरे से खाली नहीं था। उनकी लड़ाई ज्यादातर शाहनवाज और शादाब गैंग से हुआ करता था और इन्हीं गैंग के कारण उनकी हत्या भी हुई थी। Durlabh Kashyap Biography in Hindi आर्टिकल में आपको दुर्लभ कश्यप के हत्या के बारे में भी पूरी जानकारी मिलेगी यदि आपको भी दुर्लभ कश्यप के बारे में पूरी जानकारी चाहिए तो आप इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
दुर्लभ कश्यप कैसे पकड़ा गया था?
जब उनकी क्राइम की खबरें ज्यादा आने लगी थी जब वह अपने हद से ज्यादा मर चुका था उस शहर के प्रशासन के सर पर बहुत बड़ा काम आ गया था। आपको बता देगी उस समय के एस पी रहा सचिन अतुलकर जोकि एक खास ऑपरेशन चलाकर दुर्लभ कश्यप के गैंग के साथ-साथ दुर्लभ कश्यप को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।
जैसे दुर्लभ पक्षियों की गिरफ्तारी हो गई उस एरिया में दूसरे गैंग की शक्ति भी बढ़ गई। आपको बता दें कि एसपी सचिन अतुलकर ने एक बार दुर्लभ कश्यप से मुलाकात हुई कि उन्होंने दुर्लभ कश्यप को एक खास बात बताएं कि जब तुम जेल में रहोगे वही जिंदा रहोगे बाहर निकालने पर तुम्हारे गैंग वाले हैं तुम्हें खतरा पहुंचा सकते हैं।
इस तरह से उन्होंने अपने जीवन में कुछ सुधार करने के लिए उन सभी कामों को धीरे-धीरे कम करने लगा और जेल में ही रहने लगा था। लेकिन जब कोविड-19 चरम पर थी जिस समय लोग डाउन का सीजन चल रहा था उस समय उन्हें छोड़ दिया गया था मतलब की जेल से रिहा कर दिया गया था वह अपने परिवार के साथ उज्जैन में रहने लगा। साथ ही आपको यह भी बता दूंगा कि वह फिर से अपनी एरिया में रह रहे गैंग के साथ लड़ाई झगड़ा करने लगा और इसी कारण से उसका झगड़ा बड़ा दिन प्रतिदिन बढ़ने लगा था।
दुर्लभ कश्यप की असली कहानी
जैसा की आप सभी को पता होगा कि बुरे काम का नतीजा हमेशा बुरा ही होता है चाहे कोई कितना बड़ा ही बदमाश क्यों ना हो। और यही कारण से दुर्लभ पशु बहुत ही बड़ा गैंग बन गया था और फिर लास्ट में उनकी भी हत्या कर दी गई थी।
क्योंकि बुरा काम एक ऐसा चीज है कि कभी ना कभी बुरे काम का नतीजा बुरा ही होता है। और चाहे बाद में आप बुरे कामों को कितना भी छोड़ने की कोशिश करें आपका दुश्मन आपको जीने नहीं देगा। और यह काम बहुत ज्यादा खतरनाक होता है।
दुर्पभ कश्यप की हत्या कैसे हुई थी?
जमुआ जेल से रिहा हो गया था उस समय 2020 चल रहा था। दुर्लभ कश्यप जब जेल से बाहर आया था तो फिर से वह उन्हीं कामों को करने के लिए अपने दोस्तों के साथ आगे बढ़े। होगा हत्या करना लूटपाट करना और किसी को धमकाना इत्यादि कामों को करने लगा और लोगों से पैसे मांगने लगे।
एक बार पास के किसी चाय दुकान के पास गया और उन से रंगदारी मांगने लगी तो चाय दुकान वालों ने रंगदारी देने से मना किया और उन्होंने बाद में पुलिस में जाकर शिकायत करने की कोशिश भी की थी। लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत को नामंजूर किया और शिकायत लेने से मना किया था।
इसी बात से गुस्सा होकर दुल्हन कश्यप एक रात 06 नवंबर को वह कोशिश चाय वाले की दुकान पर गया सच्ची मुच्ची हिसाब किताब के लिए कर सके कि उन्होंने पुलिस ने उनकी शिकायत करने क्यों गई थी। लेकिन जैसे वह चाय दुकान के पास पहुंचा वहां से पहले चाय दुकान वालों के पास शाहनवाज और शादाब उनके के लोग थे जब दुर्लभ कश्यप वहां पहुंचा तो उसे कहासुनी हो गए।
आईएएस रवि कुमार सिहाग बायोग्राफी
दुर्लभ कश्यप ने गुस्से में आकर शाहनवाज और शादाब गए के लोगों पर वार किया और वे लोग जख्मी हो गए थे। फिर शाहनवाज और शादाब गैंग के लोग दुर्लभ कश्यप और उनके गैंग को चारों तरफ से घेर लिया और दुर्लभ कश्यप पर करीब 30 से 36 बार चाकू से वार करके उनका खून कर दिया था।
आखिरकार दुर्लभ कश्यप 6 सितंबर 2020 को रात के करीब 2:00 बजे इस दुनिया को अलविदा कह गए थे। क्योंकि चाकू की धार इतनी तेज थी कि मुझे बचाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो गया था। और इसी वजह से उनकी जान भी चली गई थी।
दुर्लभ कश्यप बायोग्राफी इन हिंदी
Durlabh Kashyap Biography in Hindi आर्टिकल में हमने दुर्लभ कश्यप बायोग्राफी इन हिंदी, दुर्लभ कश्यप परिवार और दुर्लभ कश्यप की हत्या के बारे में पूरी जानकारी दिया है।
उम्मीद है हमारी तरफ से दिया गया यह जानकारी आपको पसंद आया होगा यदि अभी भी आपको किसी भी सवाल का जवाब चाहिए तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करें। मैं आपके जवाब को जल्द ही देने की कोशिश करूंगा Hindi Biography में विजिट करने के लिए आपका धन्यवाद।
कौन था दुर्लभ कश्यप?
दुर्लभ कश्यप एक सुपर गैंगस्टर था जो उज्जैन शहर के रहने वाला था।
दुर्लभ कश्यप की पहचान क्या थी?
दुर्लभ कश्यप की पहचान माथे पर लाल दाग, आंखों में काजल और कंधे पर काला दुपट्टा उनकी पहचान हुआ करती थी।
दुर्लभ कश्यप किस कास्ट के थे?
दुर्लभ कश्यप हिंदू कास्ट के थे।
दुर्लभ कश्यप की हत्या कब हुई थी?
दुर्लभ कश्यप की हत्या 6 नवंबर 2020 को रात करीब 2:00 बजे हुआ था।
दुर्लभ कश्यप का माता का नाम क्या है?
दुर्लभ कश्यप के माता का नाम पद्मा था वह एक स्कूल टीचर थी।
दुर्लभ कश्यप का पिता का नाम क्या है?
दुर्लभ कश्यप के पिता जी का नाम मनोज कश्यप था वह एक साधारण कारोबारी था।